
टिकट मिलने के बाद लिया नाम वापस
– इशिता कैंप की मजबूत किलेबंदी ने दिलाई जीत
नई टिहरी: हार्ड न्यूज ब्यूरो: मजबूत किलेबंदी और सटीक रणनीति का असर यह रहा कि भाजपा का टिकट हासिल करने के बावजूद सोना सजवाण खेमा इशिता खेमे का चक्रव्यूह नहीं भेद पाया। नतीजा टिकट मिलने के बाद दो बार ही अध्यक्ष रह चुकी सोना सजवाण ने नाम वापसी के दिन अपना नाम वापस ले लिया। जिसके बाद भाजपा ने भी देर न करते हुये इशिता को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस पूरे चुनावी रण में इशिता के ताऊ प्रसिद्ध् व्यवसायी वीरेंद्र सिंह सजवाण की अहम भूमिका रही और वही किंगमेकर साबित हुये। उनकी सामाजिक छवि और बेहद शालीन व्यवहार के कारण उनके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई बड़े नामों का साथ भी मिला। बड़े नामों का साथ मिलने के बाद उनकी टीम की सटीक रणनीति और मजबूत किलेबंदी को सोना सजवाण और उनकी टीम भेद नहीं पाई और नाम वापस लेना पड़ा।
जिला पंचायत सदस्य का चुनाव अखोड़ी सीट से निर्विरोध जीतने के बाद सोना सजवाण और उनकी टीम जीत के प्रति आश्वस्त थी। लेकिन मजबूत प्रत्याशी कंचन गुनसोला की हार के बाद बदले समीकरण से पहली बार चुनाव जीतकर आई 27 वर्षीय इशिता सजवाण ने जीत के बाद बिना देरी किये अध्यक्ष पद की जोड़ तोड़् शुरु कर दी। जबकि सोना सजवाण कैंप अपना टिकट पक्का मानकर कुछ देर कर गये। वहीं इशिता सजवाण और उनकी टीम ने चुनाव परिणाम के बाद ही सभी जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन लेने का प्रयास किया और सभी से बातचीत शुरू कर दी। वहीं कांग्रेस के 14 सदस्यों का समर्थन भी उनके पहले ही झटके में अपने नाम कर लिया। निर्दलीय सदस्यों को भी इशिता कैंप ने किसी से भी बातचीत का मौका नहीं दिया और अपने पाले में कर लिया और उसके बाद टिकट की दावेदारी ठोक दी। अचानक से इशिता की दावेदारी के बाद सोना सजवाण कैंप भी सकते में आ गया और पूरा जोर टिकट हासिल करने में लगा दिया और इशिता कैम्प इसी का फायदा लेकर सभी को साध गया। बस यही चूकी उनकी नाम वापसी का कारण बनी और ऐन चुनाव से पहले भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी सोना सजवाण ने अपना नाम वापस ले लिया। जिसके बाद इशिता को भाजपा ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया।



