
नई टिहरी। जिजली गांव में सड़क के ऊपर पहाड़ी से दिन में अचानक विशाल पत्थर नीचे आ गिरे, जो मिट्टी को
रौँदते होते हुए नदी तक जा पहुंचे। इस दौरान एक स्कूल की छत भी पत्थर गिरने से टूट गई। गनीमत रही कि 15 मिनट पहले ही स्कूल की छुट्टी हुई थी और स्कूल में बच्चे नही थे। इन विशाल पत्थरों की चपेट में गांव की सोनी देवी का मकान भी आ गया। गनीमत यह रही कि उस समय सोनी देवी और उनकी बेटी अंजलि मकान के अंदर नहीं थी, फिर भी सोनी देवी को कुछ पत्थर लगने से वह चोटिल हो गई। फिर गांव के लोग एकत्र हुए और उन्हें उपचार के लिए चंबा अस्पताल पहुंचाया। सोनी देवी के मकान के ठीक ऊपर प्राथमिक विद्यालय भी है। जिसका आधा हिस्सा पत्थरों की चपेट में आने से वह भी ध्वस्त हो गया। यहां बड़ा हादसा हो सकता था यदि स्कूल में उस वक्त बच्चे होते। ग्रामीणों का कहना है कि जिस वक्त पत्थर गिरे उससे कुछ देर पूर्व स्कूल की छुट्टी हुई थी। पत्थरों की चपेट में आने से सोनी देवी का मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। अब उनके पास रहने के लिए दूसरा कोई घर नहीं है। इस घटना से पूरे जिले गांव के लोग चिंतित हो गए हैं, ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह से तो पत्थर कहीं दूसरी जगह भी गिर सकते हैं। चंबा नगर पालिका के सभासद शक्ति प्रसाद जोशी ने बताया कि जिस समय ऊपर पहाड़ी से नीचे नदी की ओर पत्थर आए उस समय वे जल संस्थान के कर्मचारियों के साथ नीचे नदी के किनारे चंबा पेयजल पंपिंग योजना की क्षतिग्रस्त लाइन का निरीक्षण कर रहे थे। वे भी किसी तरह भागकर सुरक्षि स्थान पर गए। बताते चलें कि जिजली गांव आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है और यहां इससे पूर्व भी कई बड़े-बड़े पत्थर गिरे हैं। ग्रामीण जयदेव डोभाल का कहना है जिजली गांव के लोगों ने इससे पहले भी आपदा के कारण कई बार मुसीबतें झेली हैं, इसलिए उनकी समस्या का समाधान केवल विस्थापन ही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना चाहिए।



